नेपाल आकर भी ‘रेल’ वापस क्यों चली गयी ‘इंडिया’ ?
भारतीय सरकारी कंपनी कोकण रेलवे कार्पोेरेशन के कर्मचारी अपने साथ इस रेल सेट को दोपहर वापस भारत ले गयी। यह रेल सेट अभी बिहार के जयनगर स्टेशन में रहेगा। इसके पीछे वजह यह है कि नेपाल में रेल चलाने वाले कर्मचारी और कानून अभी नहीं है। और जब तक यह नहीं हो जाता तब तक नेपाल में रेल चलाना संभव नहीं है। भारतीय रेल कर्मचारी ही तब तक इस रेल सेट को सुरक्षित रखेंगे जब तक कि नेपाल में कर्मचारियों की भर्ती और अन्य नियम-कानून संचालन में नहीं आ जाता।
उम्मीद है कि इन सब कामों के लिए लगभग दो महीने लग सकते हैं। वैसे बता दें कि नेपाली रेलवे विभाग ने भादो 29 गते रेल को संचालन में लाने के लिए 130 कर्मचारियों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। जिसके माध्यम से कर्मचारियों की भर्ती की जानी है। इसमें ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, प्राविधिक कर्मचारी फिलहाल के लिए भारत से लाना होगा।
गौरतलब हो कि इससे पहले जयनगर-जनकपुर रेल चलाने के लिए वि.सं. 2019 में एक छोटा कानून था। लेकिन वह कानून वर्तमान में सांदर्भिक नहीं है। ऐसे में नया कानून बनाने की जरूरत है। यह भी उल्लेखनीय है कि बीते पूस महीने में नेपाल के राष्ट्रीय सभा में दर्ता किए गए रेलवे सम्बन्धी विधेयक अभी तक पास नहीं हो सका है।
बता दें कि पहले चरण में भारत के जयनगर से नेपाल के जनकपुर के कुर्था तक कुल 35 किलोमीटर तक यह ट्रेन चलेगी। इसके बाद दूसरे चरण में जनकपुर के कुर्था से भंगहा तक कुल 17 किलोमीटर में लिंक बिछाने समेत भौतिक संरचाना निर्माण का काम युद्धस्तर पर जारी है।
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