बेटी के खाते में 10 करोड़ रुपए, फिर भी पिता को करना पड़ रहा मजदूरी!
बेटी के खाते में लगभग 10 करोड़ रूपए इसके बावजूद पूरे परिवार का भरण पोषण करने वाले उसके पिता को मजदूरी करना पड़ रहा है। जानिए क्या है पूरा मामला -
यह कहानी है भारत के उत्तरप्रदेश के बलिया की। एक परिवार के मुख्यिा यानि सूबेदार साहनी के बेटी सरोज के खाते में अचानक 10 करोड़ रूपया आ गया। यह मामला बलिया के बांसडीह क्षेत्र के रुकनपुरा गांव का है। हुआ यूं कि जब सरोज अपनी मां के साथ बैंक पहुंची तो बैंक कर्मचारियों ने उसके खाते में 9 करोड़ 99 लाख चार हजार सात सौ छत्तीस रुपये होने की बात बताया। साथ ही कहा कि उसके खाते से फिलहाल लेनदेन को लेकर रोक लगा दी गई है। यह सुनकर वह अचरज में पड़ गयी कि आखिर अचानक इतना पैसा उनके खाते में कैसे आ गया।
इसके बाद सरोज ने इस संबंध में बांसडीह कोतवाली में मामला दर्ज कराया और कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
बता दें कि रुकनपुरा निवासी सूबेदार साहनी मजदूरी किया करते हैं। उनकी बेटी सरोज का खाता इलाहाबाद बैंक की बांसडीह शाखा में है।
सरोज कहती है ‘इलाहाबाद बैंक में उसने अपना खाता 2018 में खुलवाया था। दो साल पहले कानपुर देहात के ग्राम पाकरा के रहनेवाले निलेश कुमार नाम के शख्स ने उसे फोन कर पीएम आवास दिलाने के नाम पर उससे आधार कार्ड, फोटो आदि उपलब्ध कराने को कहा था। इसके बाद सरोज ने अपना आधार कार्ड, फोटो और अन्य कागजात बताए गए पते पर भेज दिये।
इसके कुछ दिनों के बाद उसके पास डाक के जरिए एक एटीएम कार्ड आया। निलेश ने एटीएम भी डाक के जरिए भेज देने को कहा और पिनकोड की जानकारी भी हासिल कर ली।
सरोज ने पुलिस को अपने शिकायत पत्र में कहा कि उसे अपने खाते से हुए लेनदेन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। निलेश नाम के शख्स से उसकी जिस मोबाइल नंबर पर बात होती थी वह नंबर स्विच आफ बता रहा है।
सभी बातों को ध्यान में रखते हुए पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
Leave Comments
एक टिप्पणी भेजें