पेयजल मंत्रालय और करनाली प्रांत जल संसाधन मंत्रालय के बीच समझौता
नेपाल सरकार के पेयजल मंत्रालय और करनाली प्रांतीय सरकार के जल संसाधन और ऊर्जा विकास मंत्रालय के बीच पेयजल क्षेत्र सुशासन और बुनियादी ढांचा सहायता परियोजना के तहत लागत-साझाकरण समझौता संपन्न हुआ है।
जल संसाधन मंत्रालय द्वारा आज सिंघारबार में आयोजित एक कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्रालय के संयुक्त सचिव ई. रमाकांत दुवादी और करनाली प्रांतीय सरकार तथा जल संसाधन एवं ऊर्जा विकास मंत्रालय के प्रांतीय सचिव इंद्र देव भट्टा ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव ने कहा कि इस समझौते के माध्यम से संघीय और प्रांतीय सरकारों ने करनाली प्रांत के भीतर पेयजल क्षेत्र में सुशासन और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए लागत-साझाकरण-आधारित कार्यक्रम संचालित करने, सेवा वितरण में आपसी समन्वय, पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने की साझा प्रतिबद्धता जताई है।
उन्होंने कहा, "यह समझौता संघवाद के तहत सरकार के तीन स्तरों के बीच समन्वय और सहयोग का एक उत्कृष्ट मॉडल है। यह पेयजल क्षेत्र में सुशासन और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए लागत-साझाकरण-आधारित कार्यक्रम संचालित करने की साझा प्रतिबद्धता भी है।"
मंत्री यादव ने यह भी आश्वासन दिया कि करनाली प्रांत में पेयजल क्षेत्र के लिए पर्याप्त बजट आवंटित किया जाएगा। उन्होंने कहा, "मैं करनाली प्रांत के कठोर और दूरदराज के इलाकों में पहुंचा हूं। मैंने वहां पेयजल की समस्या को अपनी आंखों से देखा है। मैं वहां पेयजल की समस्या को खत्म कर दूंगा।" इसी प्रकार, करनाली प्रांत सरकार के जल संसाधन एवं ऊर्जा विकास मंत्री बिजय बुद्ध ने विश्वास व्यक्त किया कि यह परियोजना, जिसके लिए आज समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, करनाली प्रांत के पेयजल क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल करेगी।
उन्होंने कहा, "करनाली विकास की दृष्टि से बहुत दुर्गम और पिछड़ा हुआ क्षेत्र रहा है। मुझे विश्वास है कि पेयजल क्षेत्र सुशासन और अवसंरचना सहायता परियोजना के तहत लागत-साझाकरण समझौता अब करनाली के लोगों के लिए पेयजल क्षेत्र की तस्वीर बदल देगा।"
अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) और नेपाल सरकार के बीच 13 जुलाई 2022 को जल आपूर्ति क्षेत्र शासन और बुनियादी ढांचा सहायता परियोजना (जिसे आगे "परियोजना" के रूप में संदर्भित किया जाएगा) को संचालित करने के लिए एक वित्तपोषण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस परियोजना की अवधि 15 जुलाई 2028 तक है।
मंत्रालय के संयुक्त सचिव ई. रमाकांत दुवादी ने बताया कि परियोजना कार्यान्वयन में निवेश और निगरानी में भागीदारी के लिए नेपाल सरकार, पेयजल मंत्रालय और करनाली प्रांत सरकार, जल संसाधन और ऊर्जा विकास मंत्रालय के बीच इस "भागीदारी समझौते" पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, "भागीदारी समझौते के लिए इस समझौता ज्ञापन में, संघीय जल आपूर्ति मंत्रालय और करनाली प्रांतीय सरकार के जल संसाधन और ऊर्जा विकास मंत्रालय को सामूहिक रूप से "पक्ष" और व्यक्तिगत रूप से "पक्ष" के रूप में संदर्भित किया जाएगा।"
इस परियोजना के निम्नलिखित घटकों में क्षेत्रीय शासन, संस्थागत क्षमता और परियोजना प्रबंधन को मजबूत करना, जलवायु-लचीले, बेहतर और सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता तक पहुंच बढ़ाना, एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन और वाटरशेड प्रबंधन के माध्यम से पेयजल और स्वच्छता बुनियादी ढांचे पर जलवायु जोखिमों और प्रभावों को कम करना और उभरती आपात स्थितियों का समाधान करना शामिल है।
नेपाल सरकार की ओर से, जल आपूर्ति मंत्रालय ने जल आपूर्ति और सीवरेज प्रबंधन विभाग को घटक 1 से 4 के कार्यक्रमों को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि परियोजना के समग्र प्रबंधन को सुनिश्चित किया जा सके, जिसमें उपर्युक्त सभी घटकों के तहत गतिविधियों का समन्वय और निगरानी शामिल है। घटक 1 के अंतर्गत जल आपूर्ति एवं स्वच्छता क्षेत्र में संस्थागत सुधार कार्यक्रम क्रियान्वित किए जाएंगे, जबकि घटक 2 के अंतर्गत नगर निगम स्तर पर परियोजना कार्यान्वयन इकाइयों के माध्यम से परियोजना गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए भागीदार नगर पालिकाओं को निगरानी एवं कार्यान्वयन सहायता प्रदान की जाएगी।
घटक 3 के अंतर्गत, समझौते में कहा गया है कि जलवायु जोखिम और पेयजल एवं स्वच्छता अवसंरचना पर संभावित प्रभावों के शमन से संबंधित कार्यक्रमों को बीरेन्द्रनगर नगर पालिका क्षेत्र में एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन और वाटरशेड प्रबंधन के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा।
यह कहा गया है कि नेपाल सरकार ने परियोजना के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पूरक निधि उपलब्ध कराने के लिए संघीय सरकार से 3.70 मिलियन अमेरिकी डॉलर, प्रांतीय सरकारों (कर्णाली प्रांत और सुदूरपश्चिम) से 10.57 मिलियन अमेरिकी डॉलर और संबंधित छह नगर पालिकाओं से 5.70 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत हिस्सेदारी प्रदान करने का निर्णय लिया है।
मंत्रालय की प्रवक्ता एवं संयुक्त सचिव ई मीना श्रेष्ठ ने बताया कि पेयजल मंत्री यादव, करनाली प्रांत सरकार के जल संसाधन एवं ऊर्जा विकास मंत्री बिजय बुधा, बीरेंद्रनगर नगर पालिका सुरखेत के मेयर मोहन माया ढकाल (भंडारी), शारदा नगर पालिका के मेयर सल्यान प्रकाश भंडारी, पेयजल मंत्रालय की सचिव ई प्रमिला देवी शाक्य बज्राचार्य, पेयजल एवं सीवरेज प्रबंधन विभाग के महानिदेशक ई राम कुमार श्रेष्ठ एवं अन्य की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
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