आखिर क्यों मनाते हैं क्रिसमस? जानिए रोचक बातें - Nai Ummid

आखिर क्यों मनाते हैं क्रिसमस? जानिए रोचक बातें

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कुछ भी नया जानना हमेशा अच्छा लगता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं क्रिसमस के बारे में । दिसंबर का महीना आते ही एक बड़ा फेस्टिवल सामने नजर आता है और वो है क्रिसमस डे।  हर साल 25 दिसंबर को ही क्रिसमस मनाया जाता है। जीसस क्रिस्ट के जन्म की खुशी में क्रिसमस मनाया जाता है और इन्हें भगवान का बेटा माना जाता है। यहां आप ये भी जान लीजिए कि क्रिसमस का नाम भी क्रिस्ट के नाम पर ही पड़ा।
वहीं, बाइबल में जीसस की कोई जन्मतिथि नहीं दी गई है, लेकिन फिर भी हर साल 25 दिसंबर को ही क्रिसमस मनाया जाता है। ऐसे में समझ सकते हैं कि जीसस क्रिस्ट के जन्मदिन के तौर पर इस दिन को मनाते हैं।

हालांकि, कई बार इस तारीख को लेकर विवाद हुआ। पर 226 ईसवी पूर्व में रोमन के पहले ईसाई रोमन सम्राट के समय में 25 दिसंबर को ही क्रिसमस मनाया गया। फिर कुछ वर्षों बाद पोप जुलियस ने आधिकारिक तौर पर जीसस के जन्म को 25 दिसंबर के दिन मनाने की घोषणा की।

क्रिसमस के बारे में कुछ रोचक बातें जो हमें जानना चाहिए

•    हरा, लाल और सुनहरा रंग पारम्परिक क्रिसमस रंग होते हैं। हरा रंग ज़िन्दगी और पुनर्जन्म का प्रतीक है; लाल रंग क्राइस्ट का प्रतीक है और सुनहरा रंग धन को दर्शाता है।

•    ज़्यादातर क्रिस्चन (ईसाई) अपने घर के बाहर एक बड़ा सा तारा और एक छोटा झूला सजा कर क्रिसमस मनाते हैं।

•    क्रिसमस की तारीख़ 25 दिसंबर रोम के बिशप पोप जूलियस प्रथम, ने 35 A.D. में चुनी थी।

•    क्रिसमस की सजावट में दो सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली चीज़ें हैं, पॉइन्सेत्तिआ के पौधे और मोम बत्तियाँ।

•   पॉइन्सेत्तिआ एक प्रकार का पौधा है जो मूल रूप से मैक्सिको में पाया जाता है, ये पौधे एज़टेक्स द्वारा उगाए गए थे। इस पौधे को असल में केसोचितल नाम दिया गया था, जिसका मतलब है “मुरझाने वाला फ़ूल” । इस पौधे का रंग एज़टेक्स की पवित्रता को दर्शाता है और यही एक कारण था जो यह इतना लोकप्रिय हुआ। कुछ लोग कहते हैं कि इसका इस्तेमाल बुख़ार कम करने के लिए भी किया जाता था।

•   हालांकि क्रिसमस से संबंधित कई टीवी शो और मूवीज हैं,पर स्वीडन इसे अलग तरह से मनाता है। यहाँ पर क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लोग डोनाल्ड डक के कार्टून्स देखना पसंद करते हैं,इस परंपरा की शुरुआत 1960 में हुई थी।

 •   ब्रिटिश लोगों का अंदाज़ ही निराला होता है और क्रिसमस इससे अछूता नहीं है।  क्रिसमस की रात खाना खाते समय, वे पेपर के मुकुट पहनते हैं जिससे उनका खाना एक शाही समारोह बन जाता है। ये मुकुट अच्छे से पैक रहते हैं और ट्यूब में स्टोर रहते हैं जिन्हें ’क्रिसमस क्रैकर्स’ हैं। 

•   अगर आप क्रिसमस के दौरान पोलैंड में हैं, तो आप क्रिसमस ट्री की अलग तरह की सजावट देखेंगे- एक मकड़ी का जाला! इसकी शुरुआत इस कहानी से हुई जिसके हिसाब से जब शिशु जीसस नाँद में थे, एक मकड़ी ने उनके लिए ब्लैंकेट,कम्बल बुना था।  यहाँ तक की, पोलैंड में क्रिसमस पर मकड़ियों को अच्छाई और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। 

•   क्या आप क्रिसमस पर खाने में केएफसी/ KFC पसंद करेंगे? वैसे अगर आप जापान में होते तो आपको यही करना पड़ता। करीब 40 वर्ष पहले से केएफसी/ KFC के प्रतिभाशाली मार्केटिंग अभियान ने लोगों को इस बात के लिए मना लिया है कि क्रिसमस पर रात्रि के भोजन /डिनर का सबसे अच्छा विकल्प केएफसी/ KFC का खाना है। यह अभियान इतना कारगर सिद्ध हुआ कि आज भी पूरे जापान के लोग अपने आर्डर देने के लिए केएफसी/ KFC पर उमड़ जाते हैं। यहाँ तक कि वे अपना आर्डर क्रिसमस के 2 महीने पहले से ही दे देते हैं।
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