प्रदेश सांसद अनिरूद्ध सिंह यादव व उनके बेटे मेयर आतेश कुमार सिंह पर कानूनी शिंकंजा - Nai Ummid

प्रदेश सांसद अनिरूद्ध सिंह यादव व उनके बेटे मेयर आतेश कुमार सिंह पर कानूनी शिंकंजा



सप्तरी एक बार फिर सु​र्खियों में है। वजह है एक प्रदेश सांसद और कुछ मेयरों पर कानूनी शिंकजा की वजह से उनका निलंबन । फिलहाल हम यहॉं बात कर रहे हैं सप्तरी 4 (1) से निर्वाचित प्रदेश सांसद अनिरूद्ध सिंह यादव व उनके बेटे मेयर आतेश कुमार सिंह का। ​एक सप्ताह के अंदर इन दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है।  प्रदेश सदस्य अनिरुद्ध सिंह यादव पर जहॉं हत्या की जांच चल रही है तो वहीं बेटे पर भ्रष्टाचार का मुकदमा चल रहा है। प्रदेश विधानसभा संचालन नियमों के 210 (4) के अनुसार, यदि विधानसभा के किसी सदस्य को प्रचलित कानून के अनुसार तीन साल या उससे अधिक के कारावास की सजा दी जाती है या नैतिक अधमता से जुड़े आपराधिक मामले में यदि कोई अभियोग दायर किया जाता है और परीक्षण-पूर्व हिरासत के लिए जेल भेजा गया है तो वह कारावास की पूरी अवधि के लिए  निलंबित रहेगा। उसी व्यवस्था के तहत अनिरुद्ध को निलंबित किया गया है। 

मेयर आतेश सिंह पर आरोप 

अख्तियार दुरुपयोग अनुसन्धान आयोग ने अनिरुद्ध के बेटे और बोदेबर्साइन नगरपालिका के मेयर आतेश सिंह यादव के खिलाफ 30 अगस्त को एक विशेष अदालत में मामला दायर किया था। 14 लाख 71 हजार रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार के मामले में नगरपालिका के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी समेत आठ लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है। नगरपालिका द्वारा प्रधानमंत्री कृषि आधुनिकीकरण परियोजना के तहत 077/78 में एक मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि बकरी व्यवसाय पॉकेट कार्यक्रम में अनियमितता थी। नगरपालिका के पशुधन विकास पदाधिकारी अर्जुन प्रसाद यादव, कार्यवाहक प्रमुख प्रशासनिक पदाधिकारी घनश्याम यादव और लेखापाल सरोज कुमार मंडल पर भी परियोजना की राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। नगर प्रमुख आतेश कुमार सिंह, वार्ड नंबर 4 के अध्यक्ष रामानंद चौधरी, तत्कालीन नगर कार्यपालिका सदस्य श्री प्रसाद भगत को भी प्रतिवादी बनाया गया है।. मां जगदंबा किसान समूह के अध्यक्ष राधेश्याम कुमार साह और कोषाध्यक्ष नीलम कुमारी शर्मा पर भी मुकदमा कर सजा का दावा किया गया है। कानून में प्रावधान है कि मामला सुलझने तक वे निलंबित रहेंगे।

प्रदेश सांसद अनिरूद्ध सिंह यादव पर शिंकंजा

बता दें कि रीता कुमारी चौधरी की शिकायत के कारण घटना के 16 साल बाद नेपाल सरकार के खिलाफ हत्या और डकैती मामले में फरार आरोपी अनिरुद्ध की गिरफ्तारी हुई। वि.सं. 2064 के आषाढ़ महीने में सप्तरी में एक व्यक्ति की हत्या में शामिल उनके खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद से वो फरार था। राजनीति में सक्रिय होने के बाद उन्होंने पिछले चुनाव में प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में उन्होंने जीत हासिल की थी।

अनिरुद्ध के मामले में जिला अदालत ने केस स्थगित करने का फैसला लिया है। अब पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद मामले की जांच शुरू होगी। अनिरुद्ध की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दे दी है। प्रदेश विधानसभा संचालन विनियम, 2075 के (2) के अनुसार सदस्य की गिरफ्तारी की जानकारी दी गई है। उप-नियम (2) में, यदि प्रदेश विधानसभा के किसी सदस्य को गिरफ्तार किया जाता है तो अध्यक्ष को इसकी जानकारी सचिवालय के नोटिस बोर्ड पर लगानी होगी या अन्य मीडिया के माध्यम से देनी होगी। इन्हीं प्रावधानों के तहत प्रदेश विधानसभा सचिव रंजीत यादव ने अधिसूचना जारी की है।

घटना विवरण 

दीपू नाम से जाना जानेवाला गोबिंद चौधरी की सप्तरी के पूर्व नेग्डा गा.बि.स.-5 में अपहरण के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 9 गते 064 को सप्तरी के गोबिंद चौधरी मोटरसाइकिल से किसी रिश्तेदार को पहुंचाने जा रहे थे।. सुबह करीब 11:30 बजे साबिक के बोदेबर्साइन-4 से उसका अपहरण कर लिया गया और वार्ड नंबर 5 नेग्ड ले जाया गया, जहां चीनी पिस्तौल से उसके सीने में पांच गोलियां मारी गईं। जब मामला अदालत में गया तो अनिरुद्ध फरार था, इसलिए जिला अदालत ने मामले को स्थगित कर दिया। फिर 19 गते 2068 को जिला न्यायालय सप्तरी ने आदेश दिया कि उसे तत्कालीन नागरिक कानून के अनुच्छेद 190 के अनुसार रिमांड पर लिया जाए। अनिरुद्ध की गिरफ्तारी के साथ ही यह केस टल गया है। अब उसके खिलाफ ड्यूटी हत्या और डकैती के मामले में जांच और अभियोजन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।.

उस समय पुलिस ने चौधरी के पैसे लूटने और गोली मारकर हत्या करने में शामिल नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। आरोप पत्र में अनिरुद्ध सिंह यादव के साथ-साथ जगदीश प्रसाद भगत, दिनेश यादव, ईसा मियां, बीरेंद्र यादव, श्याम यादव, ताराकांत यादव और जाबुल मियां भी शामिल थे। शिकायत और घटना रिपोर्ट के अनुसार चौधरी को शुरुआत में दिनेश यादव ने दो राउंड गोली मारी थी। हालांकि, दोबारा उठने की फिराक में देख जगदीश प्रसाद भगत ने दो और दिनेश ने एक गोली मारी और भाग गये। घटनास्थल पर मौजूद चौधरी के रिश्तेदार रुक्मणि चौधरी ने दस्तावेज दिया था कि नौ लोगों ने उन्हें गोली मार दी, नकदी लूट ली और उनकी हत्या कर दी। पुलिस का दावा है कि अनिरुद्ध के साथ ताराकांत ही हत्याकांड का मास्टरमाइंड था।



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