‘ढकिया में नागरिकता’ का प्रदर्शन माघ 1 गते से
सरिता साह के निर्देशन में एक और नाटक ‘ढकियामे नागरीकता’ का प्रदर्शन बहुत जल्द यानि 1 गते माघ से होने जा रहा है। सरिता साह ने स्वंय इस नाटक को लिखा और निर्देशित किया है। निर्देशक साह के अनुसार, नाटक का पूर्वाभ्यास पूरा हो चुका है और प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है।
‘ढकियामे नागरीकता’ नाटक माघ 1 गते से 10 गते तक बत्तीसपुतली स्थित शिल्पी थिएटर में प्रदर्शन किया जाएगा। सरिता साह ने इस नाटक के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की है कि नागरिकता को लेकर मधेसी समाज को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यही इस नाटक का थीम है।
निर्देशक साह मानती है कि ‘मधेस में नागरिकता एक टोकरी में बेची जाती है। इसके बावजूद मधेस में नागरिकता के बिना इतने सारे लोग क्यों हैं?’
सरिता और भी स्पष्ट करती है कि मधेसी लोगों को नागरिकता के अभाव में भूमि का मालिकाना हक नहीं मिल पाया है, नौकरी नहीं मिल पाई है। लोग विदेश नहीं जा पा रहे हैं, बैंक खाता नहीं खोल पा रहे हैं। बलात्कृत महिलाएं नागरिकता के बिना मुकदमा दायर नहीं कर पा रही है। ऐसी कई सारी समस्यां हमारे यहां विद्यमान है।
यह नाटक कुल 1 घंटा 20 मिनट का होगा। जिसमें नागरिकता को लेकर मधेसी समाज को हो रही दिक्कतों को दिखाने का प्रयास किया जाएगा। नाटक में सरिता साह, अनिल कुर्मी, सुजिता साह, राज शर्मा पंगेनी, आदित्य मिश्रा, हांग ओ राय, रमिता यादव, संजय मुडियारी, सुदीप जंग कार्की, सुदीप पटेल, सुष्मिता पोखरेल, आकाश झा और राजकुमारी साह जैसे कलाकार अभिनय करेंगे।
बता दें कि महोत्तरी की सरिता ने नेपाली फिल्म लुटेर 2, चक्कर, अनागत सहित हिंदी फिल्म बेलाबोस, डिजायर आफ अदल में भी काम किया है। इसी तरह, उन्होंने चुलबुल के बुलबुल और मेंटल आशिक जैसी भोजपुरी भाषा की फिल्मों में अभिनय किया है। वह अब तक दो दर्जन से अधिक नाटकों और पांच सौ से अधिक नुक्कड़ नाटकों में अभिनय कर चुकी है।
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