‘नेपाल’ ओमिक्रोन से निपटने के लिए कितना तैयार ? - Nai Ummid

‘नेपाल’ ओमिक्रोन से निपटने के लिए कितना तैयार ?

Photo- Google

निर्भय कर्ण :

क्या देश में फिर से लॉकडाउन लगेगा, क्या फिर से गाड़ी-घोड़ा चलना बंद हो जाएगा, क्या दफ्तरों में फिर से वर्क फ्राम होम होगा, क्या शादियों के बडे़ आयोजन पर फिर से रोक लगेगी? ऐसे कई सवाल फिर से खड़े होने लगे हैं। इसके पीछे एक ही वजह है कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन ने नेपाल में दस्तक दे दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, नेपाल समेत 36 देशों में 576 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। 6 दिसंबर को इस मामले में नेपाल के स्वास्थ्य तथा जनसंख्या मंत्रालय ने पत्रकार सम्मेलन कर कोरोना के नए रूप की पुष्टि की। 


मंत्रालय के मुताबिक, 66 वर्षीय विदेशी नागरिक और इसके संपर्क में आए 71 वर्षीय एक व्यक्ति में कोरोना का नया वेरिएंट ‘ओमिक्रोन पाया गया। दिलचस्प है कि ये दोनों व्यक्ति कोरोना वैक्सीन का दोनों डोज ले चुका था। इन दोनों ने कोरोनावायरस की निगेटिव रिपोर्ट के बाद नेपाल प्रवेश किया था। इन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।

मालूम हो कि 24 नवंबर को पहली बार दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का यह वेरिएंट पाया गया था। कोरोनावायरस के बी 1.1.529 संस्करण को ‘ओमिक्रोन’ नाम दिया गया। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वेरिएंट को चिंताजनक करार दिया है। 

अब जब नेपाल भी उन देशों की सूची में शुमार हो चुका है जहां ओमिक्रोन ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दिया है। इसी के साथ कई तरह की चिंताएं उत्पन्न हो गयी है जैसे कि क्या नेपाल में बड़े स्तर पर संक्रमण फैल सकता है, क्या बच्चों को ज्यादा खतरा है, क्या तीसरी लहर आएगी। 

देखा जाए तो कुल मिलाकर ओमिक्रोन कोरोना वायरस का एक उत्परिवर्तित, स्वाभाविक, प्राकृतिक और अनुमानित रूप है। कोरोना के जो पहले डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट थे ओमिक्रोन भी उसी तरह का एक वेरिएंट है। लेकिन यह वेरिएंट डेल्टा प्लस जितना खतरनाक नहीं है लेकिन तेजी से यह संक्रमण फैलाता है। यही कारण है कि ओमिक्रोन वर्तमान में वैश्विक चिंता का विषय बन गया है।

ओमिक्रोन वायरस कोरोना वायरस का एक प्रकार है। प्रत्येक वायरस रूप बदलता है। जैसे-जैसे रूप बदलता है, वैसे-वैसे उसके गुण भी बदलते हैं। लेकिन अभी तक ओमिक्रोन के बारे में कोई निश्चित तथ्य निकलकर नहीं आयी है। इसके बारे में अध्ययन किया जा रहा है। पुख्ता तौर पर जानने के लिए हमें थोड़ा और इंतजार करना होगा। 

ज्ञातव्य है कि डब्ल्यूएचओ में व्यापक चर्चा के बाद, 26 नवंबर को वायरस का नाम बदलकर ‘ओमिक्रोन संस्करण’ कर दिया गया। इसे ‘वेरिएंट आफ कंसर्न’ के तहत रखा गया। तेजी से फैलने, अलग-अलग लक्षण दिखने, अधिक घातक होने, जनस्वास्थ्य का मापदण्ड प्रभावहीन होने, उपलब्ध उपाय, टीकाकरण और उपचार में समस्या आदि होने की स्थिति में वायरस को ‘वेरिएंट आफ कंसर्न’ श्रेणी में रखा जाता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, प्रारंभिक परिणाम बताते हैं कि ओमिक्रोन संस्करण में कंसर्न के अन्य प्रकारों की तुलना में फिर से संक्रमित होने की अधिक क्षमता है। ‘ओमिक्रोन वेरिएंट‘ कितना घातक है या रहेगा, यह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन चूंकि हमने अतीत में बहुत कुछ सहा है, इसलिए अब सतर्क रहना ही सही है।

टीके की बात की जाए तो एक सवाल उभर कर आता है कि क्या ओमिक्रोन के सामने टीके बेअसर हैं? मतलब अभी जितने टीके दुनियाभर में लगाए जा रहे हैं, वो ओमिक्रोन के संक्रमण से नहीं बचा पाएंगे? दुनिया भर में ये भी देखने को आ रहा है कि वैक्सीन लगवा चुके लोग ओमिक्रोन संक्रमित मिले हैं। नेपाल में ही जो पहला दो मामला मिला है वो भी टीके का पूरा डोज ले चुका था। अमेरिका में भी जो पहला ओमिक्रोन संक्रमित मरीज आया, उसका वैक्सीनेशन पूरा हो चुका था। अफ्रीका या और भी देशों में ऐसे मामले आए हैं। हालांकि डब्ल्यूएचओ समेत दुनिया के वैज्ञानिक टीकाकरण पर जोर दे रहे हैं।

ओमिक्रोन के प्रसार को कैसे कम और रोका जाए इसके लिए हर देश अपने-अपने तरीके से तैयारी कर रहा है। नेपाल सरकार, कोविड 19 संकट प्रबंधन समन्वय केंद्र (सीसीएमसी) और स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने की तैयारी शुरू कर दी है कि कोरोना का नया रूप पहली और दूसरी लहर में न फैले। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि उसने नेपाल में कोरोना-ओमिक्रोन संस्करण के संक्रमण को रोकने के लिए उच्च सतर्कता बरती है। नेपाल-भारत सीमा से प्रवेश करने वाले व्यक्तियों का परीक्षण तेज कर दिया गया है। हवाई मार्ग से आने वालों के लिए परीक्षण और क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई है। अब तक करीब 10 देशों पर बैन लगाया जा चुका है। साथ ही कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान तेज कर दिया गया है। 

सरकार जो करती है या करेगी वो तो अलग बात है लेकिन हमें निजी तौर पर इसके प्रति सतर्कता बरतने की आवष्यकता है। पहली बात तो अभी जिन बातों की चर्चा हो रही है, वे तथ्यों के बजाय अनुमान पर आधारित हैं। इसलिए हमें ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन यदि आप कोरोना नियमों को लेकर ढीले पड़ गए हैं, मास्क पहनने को झझंट समझने लगे हैं, बाहर से आने पर हाथ धोना बंद कर दिया हैं तो अब फिर से शुरू कर दीजिए। अभी संक्रमण बहुत शुरुआती स्टेज पर है। संक्रमण ना बढ़े, और बीमारी हम तक ना पहुंचे, इसके लिए हमारे हिस्से की तैयारी हमें ही करनी पड़ेगी।

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