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भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे मंगलवार को एक दिन के अनशन पर बैठ गए। प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने मंगलवार को ‘भारत बंद’ रखने की अपील भी की है। इसके तहत किसानों को 20 से अधिक विपक्षी दलों और 10 ट्रेड यूनियनों ने अपना समर्थन दिया है। इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा है। हजारे ने कहा कि देश में आंदोलन होना चाहिए ताकि सरकार पर दबाव बने और वह किसानों के हित में कदम उठाए।
किसानों के समर्थन में 'अन्ना हजारे'
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भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे मंगलवार को एक दिन के अनशन पर बैठ गए। प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने मंगलवार को ‘भारत बंद’ रखने की अपील भी की है। इसके तहत किसानों को 20 से अधिक विपक्षी दलों और 10 ट्रेड यूनियनों ने अपना समर्थन दिया है। इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा है। हजारे ने कहा कि देश में आंदोलन होना चाहिए ताकि सरकार पर दबाव बने और वह किसानों के हित में कदम उठाए।
हजारे ने अपने सन्देश में कहा कि देश में आंदोलन होना चाहिए ताकि सरकार पर दबाव बने और वह किसानों के हित में कदम उठाए। मैं देश के लोगों से अपील करता हूं, दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है, वह पूरे देश में चलना चाहिए. सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसी स्थिति बनाने की जरूरत है और इसके लिए किसानों को सड़कों पर उतरना होगा. लेकिन कोई हिंसा ना करें।’
हजारे ने कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता देने और एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने सरकार को सीएसीपी को स्वायत्तता नहीं देने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें ना लागू करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, 'सरकार सिर्फ आश्वासन देती है, कभी मांगें पूरी नहीं करती।'
हजारे महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अनशन पर बैठे हैं।
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