क्या आप जानना चाहेंगे कि नेपाल को हवाई क्षेत्र में कितना नुकसान हुआ? - Nai Ummid

क्या आप जानना चाहेंगे कि नेपाल को हवाई क्षेत्र में कितना नुकसान हुआ?


कोरोना कहर के कारण हर क्षेत्र अस्त-व्यस्त है। लोग इस कदर आजीज हो चुके हैं कि अब यह कहना शुरू कर दिया है कि जब मरना ही है तो भूखे क्यों मरे। कोरोना से मरने के बजाय भूख से आखिर क्यों मरे। यथार्थ यह कि लोग आर्थिक रूप से इतना टूटते जा रहे हैं कि अब उनके सब्र का बांध टूटने के कगार पर है। जब आर्थिक की बात करें तो आपको यह सुनकर हैरानी भी होगा और अफसोस भी कि कोविड-19 महामारी के कारण  नेपाल के आन्तरिक उड़ान में सेवा दे रही निजी क्षेत्र की वायुसेवा कम्पनी को 16 अरब रूपया से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है। 

कोविड-19 महामारी नियन्त्रण के लिए नेपाल सरकार द्वारा लागू लाॅकडाॅन और जारी निषेधाज्ञा की अवधि में आन्तरिक तथा अन्तर्राष्ट्रिय उड़ान ठप्प होने के कारण इन कम्पनियों को आर्थिक रूप से जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

सबों को वि.सं. 2076 का चैत 11 गते यानि 24 मार्च, 2020 तारीख याद होगा जिस दिन से  महामारी नियन्त्रण के लिए नेपाल सरकार ने लाॅकडाॅन की घोषणा की थी। तब से लेकर साउन 6 गते तक बन्दाबन्दी और इसी प्रकार भादो 24 गते तक राजधानी काठमांडू सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों निषेधाज्ञा जारी किए हुए है। इसी कारण से लगभग छः महीना से पर्यटन तथा हवाई क्षेत्र सुनसान हुआ पड़ा है। 

वायुसेवा संचालक संघ के प्रवक्ता योगराज कँडेल शर्मा के अनुसार, महामारी के प्रभाव के कारण हवाई सेवा कम्पनी ने इन छः महिने की अवधि में 16 अरब रूपया से भी अधिक गंवाया है। इनमें बड़ी वायुसेवा कम्पनी बुद्ध एयर, यती एयरलाइन्स, श्री एयरलाइन्स तथा विभिन्न 10 कम्पनी के हेलिकाॅप्टर व्यवसाय का अनुमानित नुकसान है। इसके अलावा इस व्यवसाय से जुड़े कर्मचारियों-मजदूरों की पीड़ा भी उतनी ही गंभीर है।

प्रवक्ता शर्मा की मानें तो लाॅकडाॅन के इस छः महिने की अवधि में बुद्धएयर को ही लगभग चार अरब का नुकसान हो चुका है। वहीं यती एयरलाइन्स को लगभग तीन अरब 60 करोड और श्री एयरलाइन्स को भी लगभग तीन अरब रूपए का नुकसान हो चुका है। यह तो केवल एक अनुमानित विवरण है। जबकि हेलिकप्टर कम्पनी का व्यापार घाटा तो अलग ही है। 

यह गौर करने वाली बात है कि नेपाल की अग्रणी वायुसेवा कम्पनी बुद्ध एयर सामान्य अवस्था में दैनिक करीब 100 उड़ान से लगभग 6000 यात्रियों को लाने-पहुंचाने का काम करती है। वहीं यती एयरलाइन्स प्रतिदिन 70 उड़ानों से लगभग 4000 यात्री तो वहीं तीसरे स्थान की श्री एयरलाइन्स भी प्रतिदिन 40 उड़ान भरती है। 

यदि इन सबका वास्तविक घाटे का विवरण निकाला जाए तो इसका आंकड़ा और भी भयावह होने की संभावना है। आंकड़े तब और बड़े हो जाएंगे जब इन एयरलाइन्स के अलावा अन्य छोटी-छोटी एयरलाइन्स एवं हेलिकाॅप्टर के आमदनी को जोड़ दिया जाए जैसे कि तारा, सौर्य, सीता, सिम्रिक, समिट समेत अन्य एयरलाइन्स।

आंकड़ों की मानें तो विमानस्थल से आन्तरिक में ही लगभग प्रतिदिन 300 उड़ानें होती है। इस आन्तरिक उड़ान में 34 हेलिकाप्टर तथा 46 जहाज शामिल है। इसमें 10 हेलिकाप्टर सहित 19 वायुसेवा कम्पनी शामिल है। 

वहीं नेपाल पर्यटन बोर्ड के प्रमुख कार्यकारी डा धनंजय रेग्मी के अनुसार, लाॅकडाॅन की अवधि में पर्यटन तथा हवाई क्षेत्र में 37 अरब रूपए से भी ज्यादा का नुकसान हुआ है। जबकि बोर्ड द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार साउन महीने तक इस लाॅकडाॅन की अवधि में देश के पर्यटन तथा हवाई क्षेत्र में 41 अरब रूपए का नुकसान होने का अनुमान है।


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