35,000 करदाता प्रणाली से क्यों हुआ बाहर ? - Nai Ummid

35,000 करदाता प्रणाली से क्यों हुआ बाहर ?

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विशेषज्ञों के मुताबिक एक साथ बड़ी संख्या में करदाताओं का रजिस्ट्रेशन रद्द करना इस बात का संकेत है कि घरेलू अर्थव्यवस्था संकट में है और कारोबार बंद हो रहे हैं। एक विशेषज्ञ का अनुमान है कि बड़ी संख्या में उत्पाद शुल्क और मूल्य वर्धित कर पंजीकरण रद्द होने के पीछे दो कारणों की भूमिका हो सकती है। उनके अनुसार इसका एक कारण अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण बंद होने वाली दुकानों और व्यवसायों की संख्या में वृद्धि है। दूसरा कारण यह है कि किसी कंपनी/फर्म को खोलना जितना आसान है। यह डेटा बताता है कि उसे बंद करना उतना ही आसान होता जा रहा है। इस मामले में, जिन फर्मों ने जिस उद्देश्य के लिए फर्म/कंपनी खोली थी, उस उद्देश्य के अनुसार काम नहीं किया और उन्हें पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। इनका मानना है कि ''इससे ऐसा लगता है कि एक ही समय में बड़ी संख्या में पंजीकरण रद्द किये गये हैं।''

चालू वित्तीय वर्ष वि.सं. 2079/80 के 10 महीनों के भीतर, 35,000 करदाताओं ने राजस्व प्रणाली छोड़ दी है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, बैसाख महिने के अंत तक 35,000 करदाताओं का पंजीकरण रद्द कर दिया गया। मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल तक 35 हजार 389 करदाताओं का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है।.

आंतरिक राजस्व विभाग के प्रवक्ता राजुराज प्याकुरेल के अनुसार, आमतौर पर व्यवसाय बंद होने के आदेश के अनुसार पंजीकरण रद्द कर दिया जाता है। कुछ मामलों में, करदाता द्वारा आवेदन जमा करने के बाद भी फाइलें लंबित रहती हैं। उन्होंने बताया कि विभाग ने सभी अधीनस्थ कार्यालयों को निर्देश दिया है कि ऐसी फाइलों को लंबे समय तक लंबित न रखकर उनका निष्पादन किया जाये। इसके मुताबिक, इस साल करदाताओं के रजिस्ट्रेशन रद्द कराने की संख्या काफी ज्यादा देखी गई है।

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल तक सिर्फ 2,429 एक्साइज ड्यूटी रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए हैं। मूल्य अ​भिवृ​द्धि कर रद्दीकरण की संख्या 4,607 है।

इनका यह भी मानना है कि ''यह कहा जा सकता है कि अगर 2,429 शराब की दुकानें बंद हैं तो यह उत्पाद शुल्क खत्म होने का संकेत है।'' इसके अलावा, इस साल राजस्व संग्रह में कमी यह भी बताती है कि घरेलू अर्थव्यवस्था आरामदायक स्थिति में नहीं है। 4 जुलाई तक 8 खरब 68 अरब 49 करोड़ रुपये का कर राजस्व एकत्र हो चुका है। यह कुल लक्ष्य का मात्र 61.9 प्रतिशत है। इस साल सरकार ने 14 खरब 3 अरब रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। इस साल वित्त मंत्रालय ने खुद माना है कि सिर्फ सीमा शुल्क ही नहीं बल्कि आंतरिक तौर पर आर्थिक गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं।

कितने करदाता ?

वित्त मंत्रालय के मुताबिक देशभर में स्थायी खाता संख्या वाले करदाताओं की संख्या 54,33,824 है। इनमें 35 लाख 37 हजार 248 लोगों ने पर्सनल परमानेंट अकाउंट नंबर और 18 लाख 70 हजार 457 लोगों ने प्रोफेशनल परमानेंट अकाउंट नंबर लिया।


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