महिषासुर राक्षस रूपी कोरोना से कैसे लगेगी नैया पार, जब 300 करोड़ लोगों के पास हाथ धोने के लिए साबुन तक नहीं। - Nai Ummid

महिषासुर राक्षस रूपी कोरोना से कैसे लगेगी नैया पार, जब 300 करोड़ लोगों के पास हाथ धोने के लिए साबुन तक नहीं।


कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में हाथ धोना काफी जरूरी हो गया है। लेकिन जब साबुन ही उपलब्ध नहीं होगा तो आखिर कैसे महिषासुर जैसी कोरोना महामारी पर विजय पाया जा सकेगा।  जी हां, यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ की साझा मॉनिटरिंग रिपोर्ट 2019 के अनुसार, दुनिया में 300 करोड़ लोगों के पास हाथ धोने के लिए संसाधन नहीं है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अभी भी दुनिया में करोड़ों लोगों के लिए साफ पानी और साबुन से हाथ धोना एक सपने जैसा है। 

देखा जाए तो, यह संख्या दुनिया की जनसंख्या का 40 फीसदी है। कोरोना वायरस के दौरान यह काफी बड़ी संख्या है, जिसके पास हाथ धोने के लिए पर्याप्त साफ पानी और साबुन नहीं है। यूनिसेफ के भारतीय प्रतिनिधि डॉ यसमीन अली हक के अनुसार, जैसे जैसे महामारी फैलती जा रही है, यह याद रखना बेहद जरूरी हो गया है कि हाथ धोना अब एक व्यक्तिगत पसंद नहीं बल्कि सामाजिक अनिवार्यता है। कोरोना वायरस और दूसरे इंफेक्शन से खुद को बचाने के लिए इस प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है और यह सबसे सस्ती प्रक्रिया है। 

गौर करें तो ग्रामीण इलाकों में यह सुविधा ना के बराबर है या फिर बहुत कम है। विश्वव्यापी तौर पर देखा जाए तो पांच में से तीन के पास ही आधारभूत हाथ धोने की सुविधाएं हैं। बता दें कि 15 अक्तूबर को दुनियाभर में ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे मनाया गया था, जिसका लक्ष्य लोगों को समझाना है कि हाथ धोना कितना जरूरी है और सिर्फ हाथ धोने से ही कई बीमारियों को खत्म किया जा सकता है।

Previous article
Next article

Leave Comments

एक टिप्पणी भेजें

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads