आखिर क्यों बंद करना पड़ रहा है 10,000 बेड वाला कोविड अस्पताल ?
तस्वीर -भास्कर |
दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कम होने के बजाय लगातार बढ़ ही रहा है। और भारत इस मामले में अब तीसरे जगह से दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। लेकिन इसके बावजूद भारत का कर्नाटक ऐसा राज्य है जहां के बंगलूरू में बनाया गया एक कोविड देखभाल केंद्र को बंद करना पड़ रहा है। और इसकी वजह है मरीजों की संख्या में बेतहाशा कमी।
जी हां, बेंगलुरु महानगर पालिका ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ब्रुहत एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र को कोविड देखभाल केंद्र बनाया था। लेकिन अब हालात यह हो गया है कि मरीजों के नहीं आने की वजह से इसे 15 सितंबर से बंद कर दिया जाएगा।
अब समस्या आयी कि इनमें इस्तेमाल सामानों को क्या किया जाए। तो एक मीटिंग में यह निर्णय किया गया कि केंद्र में लगाए गए बिस्तर, गद्दे, पंखे, कूड़ेदान, पानी की मशीन आदि सामान को सरकारी छात्रावासों और अस्पतालों को नि:शुल्क दे दिया जाए।
एक बात दिलचस्प है कि बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर में ही अलग-अलग रखने के सरकार के फैसले के बाद इन केंद्रों में भर्ती होने वाले संक्रमितों की संख्या में काफी कमी आई है। ऐसे हालात में क्या किया जाए इस देखभाल केंद्र का। तो अंतत: इसे बंद करने का ही निर्णय किया गया।
गौरतलब है कि बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए बनाए गए इस केंद्र को देश का सबसे बड़ा केंद्र बताया गया था। इसमें 10,000 से ज्यादा बिस्तरों की व्यवस्था की गई थी।
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